एक दौर था,
जब लोग उगते हुए सूरज को सलाम करते थे।
ये दौर नया है लोग
जब लोग उगते हुए सूरज को सलाम करते थे।
ये दौर नया है लोग
चमकते सितारे को सलाम करते हैं
बड़ा गजब का चलन है
भीड़, लोगों को रौंदती है
फिर भीड़ क्यों बनते हैं लोग?
लोग ही सवाल करते हैं।
भीड़, लोगों को रौंदती है
फिर भीड़ क्यों बनते हैं लोग?
लोग ही सवाल करते हैं।
सफलता की दौड़ में हैं सभी
आगे निकलने की होड़ में हैं
सूरज और सितारे के बीच
लोग, खुद को कामयाब कहते हैं।
अजीब खेल है,
आसमान वाले तेरा
लोग तुझे नहीं, तेरे बंदों को नहीं
खुद के डर को सलाम करते हैं।
अच्छा चलो बता दो
कि दुनिया में क्या भला है?
सच बड़ा है, झूठ भारी है
या बीच का जो है हम किसको सलाम करते हैं।
लोग तुझे नहीं, तेरे बंदों को नहीं
खुद के डर को सलाम करते हैं।
अच्छा चलो बता दो
कि दुनिया में क्या भला है?
सच बड़ा है, झूठ भारी है
या बीच का जो है हम किसको सलाम करते हैं।